Thursday, April 23, 2020

List of Upnishad

उपनिषदों की संख्या लगभग २०० है जिनमें से प्रायः १३ उपनिषदों को मुख्य उपनिषद् कहा जाता है। मुख्य उपनिषद, वे उपनिषद हैं जो प्राचीनतम हैं और जिनका पठन-पाठन अधिक हुआ है। इनका रचनाकाल ८०० ईसापूर्व से लेकर ईशवी सन के आरम्भ तक माना जाता है। भारत में अंग्रेजों के शासन के समय के कुछ विद्वान यद्यपि केवल दस उपनिषदों को मुख्य उपनिषद की श्रेणी में रखते थे, किन्तु अब अधिकांश विद्वान १३ उपनिषदों को मुख्य उपनिषद मानते हैं-
(१) ईशावास्योपनिषद्
(२) केनोपनिषद्
(३) कठोपनिषद्
(४) प्रश्नोपनिषद्
(५) मुण्डकोपनिषद्
(६) माण्डूक्योपनिषद्
(७) तैत्तरीयोपनिषद्
(८) ऐतरेयोपनिषद्
(९) छान्दोग्योपनिषद्
(१०) बृहदारण्यकोपनिषद्
(११) श्वेताश्वतरोपनिषद्
(१२) कौशितकी उपनिषद्
(१३) मैत्रायणी उपनिषद्
आदि शंकराचार्य ने इनमें से १० उपनिषदों पर टीका लिखी थी। 
इनमें माण्डूक्योपनिषद सबसे छोटा है (१२ श्लोक) 
और बृहदारण्यक सबसे बड़ा।

No comments:

Post a Comment

Shubhashitani

आशाया:किरणा:स्युर्वा सूर्यनारायणस्य च। जीवनतिमिरं गाढं नाशयन्ति न संशय:।। આશા ના કિરણો હોય કે પછી ભગવાન સૂર્યનારાયણ ના હોય પણ જીવનના ગાઢ અંધ...