Sunday, April 26, 2020

Kasturi Tilakam Lalat Patale

कस्तूरी तिलकं ललाट पटले वक्ष: स्थले कौस्तुभं। 
नासाग्रे वरमौक्तिकं करतले वेणु: करे कंकणं॥ 
सर्वांगे हरि चन्दनं सुललितं कंठे च मुक्तावली। 
गोपस्त्रीपरिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणि:॥

" हे श्रीकृष्ण! आपके मस्तक पर कस्तूरी तिलक सुशोभित है। आपके वक्ष पर देदीप्यमान कौस्तुभ मणि विराजित है, आपने नाक में सुंदर मोती पहना हुआ है, आपके हाथ में बांसुरी है और कलाई में आपने कंगन धारण किया हुआ है "  " हे हरि! आपकी सम्पूर्ण देह पर गन्धित चंदन लगा हुआ है और सुंदर कंठ मुक्ताहार से विभूषित है, आप सेवारत गोपियों के मुक्ति प्रदाता हैं, हे गोपाल! आप सर्व सौंदर्य पूर्ण हैं, आपकी जय हो " !!!

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