Saturday, April 25, 2020

Ustranam Vivahesu Geetam Gayanti

उष्ट्राणां विवाहेषु , गीतं गायन्ति गर्दभाः ।
परस्परं प्रशंसन्ति अहो रूपं अहो ध्वनिः ll
महासुभषितसंग्रह

 ઊંટ ના ઘરે લગ્ન થઇ રહ્યા હતા,લગ્ન માં ગધેડા ગીત ગાઈ રહ્યા હતા, બંને એકબીજાના વખાણ કરે છે, વાહ શું રૂપ છે, વાહ શું અવાજ છે !!!
एक ऊँट की शादी हो रही थी। इस शादी में गधे गीत गा रहे थे। गधों ने ऊँट के रूप की बड़ाई करते हुए कहा, 'अहो रूपम्', अर्थात् आप क्या लग रहे हैं! अपनी बड़ाई सुनकर सामने वाले की बड़ाई करना सामाजिक शिष्टाचार माना जाता है। ऊँट ने भी इस शिष्टाचार का पालन करते हुए कहा, 'अहो ध्वनि:', अर्थात् क्या आवाज़ है आपकी। अब गधे और ऊँट की बोली और सुंदरता की असलियत तो सभी जानते ही हैं। समाज में ऐसी परस्पर प्रशंसा अकसर हास्यास्पद हो जाती है। लोग अपनी बड़ाई सुनना पसंद करते हैं। साहित्य, राजनीति, सिनेमा आदि क्षेत्रों में परस्पर प्रशंसा करने वाले लोगों की कमी नहीं है।


अंग्रेजी में इसे इस प्रकार कहते हैं' You scratch my back and I'll scratch yours' यानी 'तुम मेरी पीठ खुजलाओ,मैं तुम्हारी पीठ खुजलाता हूँ।'

In camel's marriage ceremony, Donkeys are singing songs. They admire each other by saying Wow great beauty! Wow great singing

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